Remal Cyclone जो 26 May को बंगाल की खाड़ी से उठा है वह अब बांग्लादेश और भारत के पश्चिम बंगाल की समुद्र तट पहुंच चुका है l यह आगे पूर्वोत्तर भारत में कहां तक जाएगा और कहां-कहां तबाही मचाएगा यह तो वक्त ही बताएगा।
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Remal Cyclone कब और कैसे आया ?
यह तूफान 26 May रविवार रात लगभाग 8:30 बजे पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के नजदीकी तट पर लैंडफॉल होना शुरू हुआ और 4 घंटे से भी अधिक समय तक वहां जारी रहा इस क्षेत्र में हवाएं 135 km/h की रफ्तार से चली और तेज बारिश हुई जिससे पश्चिम बंगाल की तटीय इलाकों में भारी तबाही मची और सुंदरबन के गोसावा इलाके में मलवे की चपेट में आने से एक व्यक्ति घायल हो गया।
Cyclone Updates :
हाल ही के सूत्रों से पता चला है की Remal Cyclone के कारन मौत का अकड़े बढ़कर 50 हो गए ह दोनों देशो में (India & Banglasdesh ) हो गए है और लगभग 30000 हजार से भी ज्यादा घर इसकी चपेट में आ चुके है।
Remal Cyclone से और कौनसे राज्य होंगे प्रभावित :
Remal Cyclone 28 तारीख तक यह तूफान संभवत असम सिक्किम अरुणाचल प्रदेश और उसके आसपास के क्षेत्र को भी प्रभावित करेगा मणिपुर नगालैंड और त्रिपुरा तथा मिजोरम में इस तूफान से अधिक तबाही होने की आशंका है और 200 mm तक वर्षा होने की संभावना है।
इसका असर नेपाल और बिहार के सीमांत जिलों में भी दिखाई दे सकता है इसका अन्य रूप यह भी है कि यदि Remal Cyclone ने अपनी दिशा बदली तो वह उत्तराखंड के तीर्थ स्थलों जैसे केदारनाथ बद्रीनाथ गंगोत्री यमुनोत्री जैसे धामों में बादल फटने जैसी घटनाओं के रूप में भी हमें दिखाई दे सकता है क्योंकि जन आवाजाही की अधिकता ने इन क्षेत्रों में तापमान की अधिकता और कम वायुदाब का कारण बना दिया है जो एक बार पुनः 2015 के भयानक त्रासदी की याद को तरो ताजा कर सकती है।
क्या होता है चक्रवात और कैसे होता है इसका निर्माण :
चक्रवात (Cyclone) एक तीव्र घूमने वाली वायुमंडलीय घटना है, जो मुख्य रूप से गर्म समुद्री सतह के ऊपर बनता है। इसे समुद्री तूफान भी कहा जाता है। चक्रवात के बनने की प्रक्रिया इस प्रकार है।
- चक्रवात का निर्माण तब होता है जब समुद्र की सतह का तापमान लगभग 27 डिग्री सेल्सियस या उससे अधिक हो।
- नमी: गर्म समुद्र की सतह से वाष्पीकरण की प्रक्रिया होती है, जिससे वातावरण में नमी बढ़ जाती है।
- वायुदाब का कम होना: गर्म और नम हवा ऊपर उठती है और कम वायुदाब क्षेत्र बनाती है। यह उठती हुई हवा ठंडी होकर संघनित हो जाती है, जिससे बादल और बारिश का निर्माण होता है।
- घुमाव: पृथ्वी के घूर्णन के कारण, उठती हुई हवा में घुमाव आता है, जिसे कोरियोलिस प्रभाव कहते हैं। यह प्रभाव उत्तरी गोलार्ध में चक्रवातों को वामावर्त (घड़ी की दिशा के विपरीत) और दक्षिणी गोलार्ध में दक्षिणावर्त (घड़ी की दिशा में) घूमने पर मजबूर करता है।
- ऊर्जा का स्रोत: संघनन प्रक्रिया में गर्मी उत्पन्न होती है, जो चक्रवात को ऊर्जा प्रदान करती है और इसे और अधिक शक्तिशाली बनाती है।
- यदि स्थितियाँ अनुकूल होती हैं, तो यह वायुमंडलीय प्रणाली और मजबूत होती जाती है और एक पूर्ण विकसित चक्रवात का रूप ले लेती है।
इस प्रकार, चक्रवात एक घूर्णन करती हुई वायुमंडलीय प्रणाली है, जो अत्यधिक हवाओं, भारी बारिश और तूफानी लहरों के साथ आती है, और तटीय क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर विनाश का कारण बन सकती है।
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किस आधार पर रखे जाते है हिंद महासागर में आए चक्रवात के नाम ??
हिंद महासागर में चक्रवातों के नामकरण की जिम्मेदारी विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) के सहयोग से संबंधित क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्रों (RSMC) द्वारा निभाई जाती है। इस प्रक्रिया के तहत हिंद महासागर के क्षेत्र में आने वाले देशों के समूह द्वारा चक्रवातों के नाम प्रस्तावित किए जाते हैं। इन देशों में भारत, बांग्लादेश, मालदीव, म्यांमार, ओमान, पाकिस्तान, श्रीलंका और थाईलैंड शामिल हैं।
नामकरण प्रक्रिया:
- देशों की सूची: इन देशों के द्वारा क्रमवार नामों की सूची तैयार की जाती है।
- अनुक्रम: जब एक नया चक्रवात बनता है, तो नामकरण के लिए उस सूची में से अगले क्रम में आने वाले नाम का उपयोग किया जाता है।
- नामों का चयन: चयनित नाम छोटे, उच्चारण में आसान और सांस्कृतिक रूप से उपयुक्त होते हैं।
उदाहरण: चक्रवात का नामकरण ओमान के जिम्मे था और अगले क्रम में आने वाला नाम “Remal” था, तो इस चक्रवात का नाम “Remal” रखा गया। इसी तरह अन्य देश भी अपनी सूची से नाम प्रदान करते हैं।
वैसे Remal एक अरबी शब्द है जिसका मतलब मिट्टी या धूल होता है।
Remal Cyclone भारत में किस दिशा की और जायेगा और आने वाले समय में इसका क्या प्रभाव होगा यह हमे समय के साथ ही पता चलेगा। आपकी क्या विचार धरा ह हमे comments में बताये।
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