नया नज़ारा 

Stampede Incidents in India

भारत की कुछ ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण भगदड़ की घटनाएं जिस्मे हुई सैकड़ों मौत

3 फरवरी 1954 में आजाद भारत का पहला कुंभ जो प्रयागराज में लगा हुआ था। उसमें प्रशासनिक व्यवस्था के चलते भगदड़ से 800 लोग मारे। 

1994 में नागपुर के गौरी समुदाय द्वारा जनजाति का दर्जा पाने के लिए अनशन कर रहे लोगो पर पुलिस द्वारा लाठीचार्ज की घोषणा से भगदड़ मच गई जिसमे 114 से अधिक लोग मरे। 

राजस्थान के जोधपुर में स्थित चामुंडा देवी मंदिर में 30 सितंबर 2008 को भगदड़ मचने से 224 लोग की मौत हो गई। इसका कारण मंदिर की कपाट खोलने से श्रद्धालु में प्रवेश करने की होड़ बताई गई

मध्य प्रदेश स्थित दतिया के रतनगढ़ माता मंदिर में 13 अक्टूबर 2013 में भगदड़ से 115 मौतें हो गई। इस भगदड़ का कारण मंदिर से जुड़े पुल के  गिरने के संदेह के कारण हुई।

2011 में केरल में स्थित सबरीमाला मंदिर में भगदड़ मच गई उसमे 106 से ज्यादा लोग मर गए।

तीन अगस्त 2008 को हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में नैना देवी मंदिर में चट्टान गिरने की अफवाह की वजह से मच्छी भगदड़ में करीब 250 लोग मारे गए

2 जुलाई 2024 को हाथरस में बाबा सत्कार हरी सिंह उर्फ सूरजपाल सिंह की एक सभा के दौरान भगदड़ मच गई। जिसमे 121 से अधिक लोग मर गए।

Thankyou For Reading

Read More:- 8 Historical Events on July 5th