1 July 2024, 3 new criminal laws in India, आज से भारत में तीन नए आपराधिक कानून लागू हो गए हैं। ये नए कानून पुराने ब्रिटिश कालीन आपराधिक कानूनों को बदलकर देश की न्याय व्यवस्था को सुधारने के उद्देश्य से लाए गए हैं। इन कानूनों का नाम है – Bharatiya Nyaya Sanhita (भारतीय न्याय संहिता), Bharatiya Nagarik Suraksha Sanhita (भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता) और Bharatiya Sakshaya Act (भारतीय साक्ष्य अधिनियम)।

3 new criminal laws in India

कानूनों की अधिसूचना

भारत सरकार द्वारा शनिवार को अधिसूचना जारी की गयी, की तीन पुराने आपराधिक कानून जो Indian Penal Code, Code of Criminal Procedure और Indian Evidence Act की जगह नए आपराधिक कानून (3 new criminal laws in India) जो की भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहित और भारतीय साक्ष्य अधिनियम लागु होने। ये कानून 1 जुलाई से लागु होंगे।

नए बिल कब पेश किये गए थे?

पिछले साल अगस्त में ये बिल लोक सभा में पेश किये गए थे, जो की 12 दिसंबर को इन बिल को वापिस लेलिया गया था लेकिन फिरसे इस बिल को उसी दिन फिरसे पेश किया गया। 20 दिसंबर को ये बिल लोक सभा में पास हुआ और 21 दिसम्बर को राज्य सभा में, फिर आखिरकार 25 दिसंबर को इन बिलो को भारत के राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की स्वीकृति मिली।

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3 new criminal laws in India

Bharatiya Nyaya Sanhita

भारतीय न्याय संहिता पुराने भारतीय दंड संहिता Indian Penal Code,1860 को बदलकर लागू की गई है। इस नए कानून में पुराने धारा संख्याओं को नए संख्याओं में बदला गया है। जैसे कि IPC की धारा 302 (हत्या की सजा) को अब धारा 101 के रूप में जाना जाएगा।
इस संहिता में पहली बार आतंकवाद की स्पष्ट परिभाषा दी गई है। इसमें राज्य विरोधी अपराधों को भी शामिल किया गया है।नाबालिगों के सामूहिक बलात्कार और मॉब लिंचिंग के लिए मौत की सजा। सामुदायिक सेवाओं को पहली बार सजा के रूप में पेश किया गया है।

Bharatiya Nagarik Suraksha Sanhita

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता पुराने दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) को बदलकर लागू की गई है। यह कानून आपराधिक प्रक्रियाओं को सरल और प्रभावी बनाने के उद्देश्य से लाया गया है। इसके तहत न्याय प्रणाली को अधिक तेज और न्यायपूर्ण बनाने के लिए नए प्रावधान जोड़े गए हैं। संपत्ति और अपराध से होने वाली आय की कुर्की के लिए एक नया प्रावधान जोड़ा गया है।

Bharatiya Sakshya Act

भारतीय साक्ष्य अधिनियम पुराने Indian Evidence Act को बदलकर लागू किया गया है। इस नए कानून में डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों को अधिक महत्व दिया गया है। यह कानून साक्ष्य संग्रहण और प्रस्तुतीकरण की प्रक्रियाओं को आधुनिक बनाने के उद्देश्य से लाया गया है।
केस डायरी, एफआईआर, चार्जशीट और निर्णय सहित सभी रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण। इलेक्ट्रॉनिक या डिजिटल रिकॉर्ड का पेपर रिकॉर्ड के समान कानूनी प्रभाव, वैधता और प्रवर्तनीयता होगी।

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विपक्ष की आलोचना

NDA सरकार द्वारा पास किए गए नए कानूनों का उद्देश्य भारत की आपराधिक न्याय प्रणाली का आधुनिकीकरण करना है लेकिन विपक्ष द्वारा नए कानूनों को व्यापक रूप से कॉलोनियल-युगीन विधानों के अपडेट के रूप में स्वागत किया गया है, विपक्ष ने इन कानून को लेके कई मुद्दों उठाये है।

Bharatiya Nyaya Sanhita
  • नए कानून पुलिस हिरासत की अधिकतम अवधि को 15 दिन से बढ़ाकर 60-90 दिन कर देते हैं, जिससे पुलिस की ताकत और जबरदस्ती से सबूत जुटाने का खतरा बढ़ जाता है।
  • नए कानूनों में आतंकवाद, संगठित अपराध और राज्य के खिलाफ काम करने जैसे अस्पष्ट अपराध शामिल हैं, जो बिना उचित प्रक्रिया के लागू हो सकते हैं।
  • पुलिस की शक्तियों को बढ़ाने से स्वतंत्रता और व्यक्तिगत स्वतंत्रता जैसे मौलिक अधिकारों को खतरा हो सकता है।
  • गिरफ्तारी के समय से कानूनी सहायता प्रदान करने का प्रावधान हटाना अभियुक्तों के अधिकारों की रक्षा के लिए विशेष रूप से समस्याग्रस्त है।

गृह मंत्री ने नए आपराधिक कानूनों की आलोचना को खारिज किया

Bharatiya Nyaya Sanhita

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को विपक्ष की इस आलोचना को खारिज कर दिया कि नए आपराधिक कानून ‘कट, कॉपी, पेस्ट’ का काम है और इन्हें पर्याप्त चर्चा या बहस के बिना जल्दबाजी में लागू कर दिया गया। उन्होंने जोर देकर कहा कि आजादी के बाद से ऐसा कोई कानून नहीं बना जिस पर इतनी लंबी चर्चा हुई हो।

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