Special category status/ विशेष राज्य का दर्जा : लोकसभा चुनाव 2024 में NDA स्पष्ट बहुमत के साथ सरकार बनाने जा रही है लेकिन BJP को स्पष्ट बहुमत न मिल पाने के कारण JDU और TDP अर्थात बिहार के नीतीश कुमार और आंध्र प्रदेश के चंद्रबाबू नायडू के साथ मिलकर मंत्रिमंडल का निर्माण करना होगा। 2 जून को ही आंध्र प्रदेश और उड़ीसा के विधानसभा के नतीजे आए जिसमें आंध्र प्रदेश में TDP सबसे बड़ी पार्टी जीत के सामने आई। इस विधानसभा चुनाव के दौरान पार्टियों के मेनिफेस्टो में आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिलवाने का सभी राजनीतिक दलों ने दावा किया था, और अब जबकि केंद्रीय सरकार स्वयं TDP पर सरकार बनाने के लिए आश्रित हो गई है तो आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा (Special Category Status) दिए जाने की मांग का मुद्दा पुनः गरमा गया है।

Modi along with TDP chief N. Chandrababu Naidu and Bihar CM Nitish Kumar
PM Narendra Modi along with TDP chief N. Chandrababu Naidu and Bihar CM Nitish Kumar at the meeting of NDA allies in New Delhi on Wednesday | ANI

क्या है सविधान में Special Category Status का प्रावधान :

भारतीय संविधान में किसी राज्य को विशेष राज्य का दर्जा देने का प्रावधान नहीं है। लेकिन यह समझते हुए कि देश की कुछ हिस्से अन्य राज्यों की तुलना में संसाधनों के लिहाज से पिछड़े हैं, ऐसे राज्यों को केंद्र के द्वारा विशेष राज्यों का दर्जा दिया जाता है। NDC (नेशनल डेवलपमेंट काउंसिल) ने कई तथ्यों जैसे पहाड़ी और दुर्गम क्षेत्र, कम जनसंख्या घनत्व, यह बड़ा आदिवासी बहुलक क्षेत्रा,अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर से जुड़ी सीमा, और कम राजस्व कर जैसे राज्यों की पहचान करके उनको विशेष राज्य का दर्जा (Special Category Status) दिलाने में सहयोग करता है।

किन राज्यों को मिला है Special Category Status :

1969 में केंद्रीय सहायता का फार्मूला बनाते समय पांचवी वित्त आयोग ने गडगिल फार्मूले के अनुरूप तीन राज्यों को विशेष राज्य का दर्जा दिया असम, नागालैंड और जम्मू कश्मीर इसका आधार था इन राज्यों का पिछड़ापन, भौगोलिक स्थिति और वहां व्याप्त सामाजिक समस्याएं। 1969 से पूर्व से योजना आधारित अनुदान ही दिया जाता थे। अभी तक 11 राज्य को विशेष राज्यों का दर्जा दिया गया है,जिसमें पूर्वोत्तर के सभी राज्य शामिल है। 2013 में बिहार ने भी विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की थी लेकिन उसे पर कोई सहमति नहीं बन पाई।

List of Special Category Status States

State NameYear
Jammu and Kashmir1969
Assam1969
Nagaland1969
Himachal Pradesh1970-71
Tripura1971-72
Manipur1971-72
Meghalaya1971-72
Sikkim1975-76
Arunachal Pradesh1986-87
Mizoram1986-87
Uttarakhand2001-02

Special Category Status के फायदे/benefits :

विशेष राज्यों को केंद्रीय सहयोग के तहत प्रदान की गई राशि में 90% अनुदान और 10% ऋण होता है, जबकि दूसरी श्रेणी के राज्यों को केंद्रीय सहयोग के तहत 70% राशि ऋण और 30% अनुदान के रूप में दी जाती है।

अब तक क्यों नहीं मिला आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा ?

आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) को विशेष राज्य का दर्जा इसलिए नहीं मिल पा रहा है क्योंकि यह तटवर्ती राज्य है एवं भारतीय अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते आ रहा है हैदराबाद से अलग होने के बाद अमरावती को नवीन राजधानी के रूप में विकसित करने हेतु यह विशेष राज्य का दर्जा मांग रहा है जबकि इसके पास कृषि भूमि है, रोजगार संस्थान है ,FDI द्वारा कंपनी आ रही है व्यापार उन्नत है।यदि आंध्र प्रदेश को इस आधार पर विशेष राज्य का दर्जा दिया जाता है तो अन्य राज भी इस आधार पर विशेष राज्य का दर्जा लेने की मांग कर सकते हैं जिससे भारतीय राजनीति में भूचाल आ सकता है और भारत की अर्थव्यवस्था लड़खड़ा सकती है

TDP जो पहले भी विशेष राज्य का दर्जा न दिए जाने की मांग पर BJP को छोड़कर जा चुकी है क्या इस बार भी जब केंद्र की सत्ता के निर्माण में उनकी महत्वपूर्ण भागीदारी है। इस बार भी वह विशेष राज्य का दर्जा प्राप्त करने की मांग पूरी न होने पर BJP का साथ छोड़ देंगे या उनके साथ बने रहेगी यह तो वक्त ही बताएगा।

To know more about why Bihar asking for Special Category Status click here for the Hindu article.

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