What is Surrogate Marketing ? एक ऐसा marketing का तरीका है जिसमे सरकार द्वारा प्रतिबंदित या अनैतिक उत्पाद का प्रचार किसी और वास्तु या माध्यम के जरिये किया जाता है l उदहारण के लिए शराब, सिगरेट और गुटके का सीधा विज्ञापन सरकार द्वारा प्रतिबंद है परन्तु company वही ब्रांड का नाम इस्तेमाल करके सोडा, मिनरल वाटर या पान मसाला का विज्ञापन करती है l
क्या होता Surrogate शब्द का मतलब :
Surrogate शब्द Latin भाषा से लिया हुआ है जिसका अर्थ होता है अन्य विकल्प (substitute)। वैसे तो Surrogate शब्द का प्रयोग Biology से जुड़ा हुआ है जिसका मतलब होता है किराए की कोक अर्थात ऐसे दंपति जो किसी कारण से संतान उत्पत्ति करने में असक्षम थे,परन्तु किसी अन्य महिला की मदद से संतान सुख प्राप्त कर सकते है, ऐसी स्थिति में वह महिला Surrogate Mother कही जाती है। लेकिन marketing के संधर्ब में किसी हानिकारक उत्पाद की भ्रामक विज्ञापन को भी Surrogate Marketing के रूप में जाना जाता है।
Telangana Government ने लगायी तंबाकू और पान-मसाला रोक :
24 May को तेलंगाना सरकार द्वारा तंबाकू और पान मसाले को बेचेने ,जमा करने, उत्पादन करने एवं इश्तिहार लगाने पर 1 साल का प्रतिबंध लगा दिया है और उच्च न्यायालय ने भी इसका समर्थन किया है।
आपकी जानकारी के लिए बता दे की 31 May को अंतर्राष्ट्रीय तंबाकू निषेद दिवस (International No Tobacco Day) मनाया जाता है।
कैसे होती है Surrogate Marketing :
वर्तमान में भारतीय बिजनेसमैनों द्वारा पान मसाला एवं गुटखा उत्पादन की ब्रांडिंग और मार्केटिंग करने हेतु बड़े-बड़े फिल्मी कलाकारों का सहयोग लिया जाता है, इनके द्वारा किए हुए विज्ञापन आम जनमानस को लुभाने एवं पान की दुकान तक ले जाने का काम करते है।
यही हाल शराब वह अन्य alcoholic उत्पादों का है इससे संबंधित कम्पनियाँ बड़े-बड़े अभिनेताओं एवं प्रसिद्ध खिलाड़ियों से पानी एवं soda की बोतलों के माध्यम से अपने ब्रांड की ब्रांडिंग करती है और जनसाधारण को आकर्षित करती है। जनमानस कि यह मानसिकता बन जाती है कि यदि यह कंपनियां पानी व सौदे को बेंच सकती है तो इनके अन्य उत्पाद कितने आकर्षक होंगे। इस प्रकार कंपनियां प्रतिबंधों से बचते हुए अपने मूल उत्पादन का प्रचार प्रसार भी बेधड़क करती है और मोटा मुनाफा कमाती है।
क्या कहते है Surrogate Marketing के कारोबार के अकड़े :
आकड़ो के अनुसार गुटका एवं पान मसाला उद्योग का कारोबार 2023 में लगभग 44000 करोड़ था जो 2032 तक 62 हजार 500 करोड़ हो जाएगा यह मुनाफा भारत में कोविद वैक्सीन के 50000 करोड़ से भी ज्यादा का है।
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Advantages सरकार को लाभ और उनकी दलील :
Surrogate Marketing से सरकारों को लाभ यह होता है कि पान एवं गुटखा उत्पाद और अल्कोहलिक पदार्थ से भारी मात्रा में राजस्व की प्राप्ति होती है क्योंकि यह sin product होते है जिस कारन सरकार इनमे 28% GST एवं इसके ऊपर CESS tax भी लगाती जाता है।
सरकार कहती है कि यदि इन उत्पादों को पूर्ण प्रतिबंध कर दिया जाए तो अवैध शराब एवं हर खेत में तंबाकू की खेती होने लगेगी एवं कालाबाजारी बढ़ जाएगी, घर-घर कच्ची शराब के अड्डे बन जाएंगे और ऐसी शराब व्यापक जन हानि का रूप ले सकती है इसलिए सरकार इसे पूर्ण प्रतिबंध न करके नियंत्रित रूप से इसे बेचती है। जिससे स्थिति नियंत्रण में रहे और महंगी होने के कारण से कम से कम लोग खरीदे।
Surrogate Marketing कैसे बचाता है Businessmen को :
न्यायालय तथ्यों और साक्ष्यों से चलता है जब स्वयंसेवी समूह द्वारा न्यायालय में याचिका डाली जाती है तो बड़े-बड़े बिजनेसमैन या तो धनबल से फैसला अपने पक्ष में कर लेते हैं या फिर वह ऐसी ऐसी दलीलें पेश करते हैं कि न्यायालय का फैसला उनके पक्ष में आ जाता है। उदाहरण के तौर में जैसे Fssai के अनुसार पान को खाद्य पदार्थों की श्रेणी में रखा गया है, पान सुखाकर बेचना एवं इसमें सुगंध फ्लेवर एवं अन्य मसाले डालना अपराध नहीं, हम पान मसाला बेचते है, तंबाकू नहीं। पान मसाले में गुटका मिलकर खाना व्यक्ति विशेष की स्वयं जिम्मेदारी है।
कारोबारी कानून को ताक पर रखकर अपने मन माफिक भ्रामक विज्ञापनों का उपयोग कर रहे हैं जिसके कारण देश एवं देशवासियों को भारी कीमत चुकानी पड़ रही है। इससे बचने के लिए कठोर नियम लागू होना आवश्यक है ताकि देश व समाज को बचाया जा सके।
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